14 feb pulwama attack,14 feb black day / पुलवामा अटैक

 The Pulwama attack, which occurred on February 14, 2019, is a tragic event in Indian history. It was one of the deadliest attacks on Indian security forces, resulting in the loss of 40 Central Reserve Police Force (CRPF) personnel. The attack was carried out by a Pakistan-based terrorist group, Jaish-e-Mohammed, when an explosives-laden vehicle rammed into a convoy of CRPF personnel. In the aftermath, India carried out a counter-terror airstrike on Jaish-e-Mohammed's training camps in Balakot, leading to heightened tensions between India and Pakistan.




The Pulwama attack continues to be observed as a "black day" in India, commemorating the sacrifice of the CRPF personnel and serving as a solemn reminder of the ongoing challenges posed by terrorism. The attack and its aftermath have had significant geopolitical and security implications, highlighting the need for continued vigilance against terrorism and the importance of international cooperation in combating this threat.





The observance of February 14 as a "black day" is a tribute to the courage and sacrifice of the CRPF personnel and a reaffirmation of the nation's resolve in the fight against terrorism. It also reflects the solidarity and resilience of the nation in the face of such tragic events. The Pulwama attack and its impact have shaped India's security policies and its approach to counter-terrorism, emphasizing the enduring legacy of the fallen heroes and the ongoing efforts to secure the nation and protect its people.


The Pulwama attack is a somber chapter in India's history, and the observance of the "black day" is a way to honor the memory of the brave CRPF personnel who lost their lives in the attack. It also underscores the need for continued efforts to prevent such incidents in the future and to promote peace and stability in the region.





The Pulwama attack and its aftermath serve as a reminder of the human cost of terrorism and the importance of unity and resilience in the face of such challenges. The observance of February 14 as a "black day" is a testament to the nation's commitment to honoring the sacrifice of the fallen heroes and to ensuring the security and well-being of its people.


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पुलवामा अटैक के बारे में जानकारी


2019 के 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन ने एक स्वयंभू बम धमाके से 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत कर दी थी। यह एक अत्यंत दुखद घटना थी जिसने देश को गहरी शोक में डाल दिया था। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ विभिन्न कदम उठाए जैसे कि विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन देने के लिए दोषी ठहराया था। भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापक वार्ता के बाद भी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत बताई थी। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ वार की तैयारी की थी और बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक किया था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ वार की स्थिति में आ गया था। 





इस आतंकी हमले के बाद भारत ने अपने विरोध का अभिव्यक्ति करते हुए अपने विभिन्न देशों से रिश्तों को बदल दिया था। भारत ने पाकिस्तान को अपना सबसे पसंदीदा देश का दर्जा हटा दिया था और सभी पाकिस्तानी वस्तुओं के आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी थी। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में उनके खिलाफ आवाज उठाई थी। 


इस आतंकी हमले के बाद भारत ने अपने सुरक्षा बलों को और अधिक ताकतवर बनाने का फैसला किया था। भारत ने अपने सुरक्षा बलों को और अधिक ताकतवर बनाने के लिए विभिन्न तकनीकी उन्नयन कार्यक्रमों को शुरू किया था। भारत ने अपने सुरक्षा बलों को और अधिक ताकतवर बनाने के लिए विभिन्न तकनीकी उन्नयन कार्यक्रमों को शुरू किया था। 


इस आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ वार की स्थिति में आ गया था। भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक किया था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान क





पुलवामा हमला भारत के इतिहास का एक दुखद अध्याय है, और "काला दिवस" का आयोजन उस शहीद सीआरपीएफ कर्मियों की याद को सम्मानित करने का एक तरीका है जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गंवाई थी। यह इस घटना के बाद भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता को और भी मजबूत करने की आवश्यकता को भी दर्शाता है।


पुलवामा हमला और उसके परिणाम में आतंकवाद की मानव लागत और इस चुनौतियों के सामने एकता और सहनशीलता की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। 14 फरवरी को "काला दिवस" के रूप में मनाना राष्ट्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का साक्षी है जो गिरे हुए वीरों की बलिदान को सम्मानित करने और उनकी सुरक्षा और कल्याण की गारंटी देने के लिए है।

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